ए.आई.आई.बी ने भारत की मूल संरचना सुविधाओं में भरोसा जताया

बीजिंग स्थित एशियाई इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (ए.आई.आई.बी) ने 25-26 जून को मुंबई में अपनी तीसरी वार्षिक बैठक आयोजित की, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया और विकास बैंक के 86 सदस्य देशों ने इसमें भाग लिया।

July 6, 2018

ए आई आई बी बीजिंग स्थित बहुपक्षीय विकास बैंक है, जिसका ध्यान मुख्यतः एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बुनियादी ढांचे (इनफ्रास्ट्रक्चर) के निर्माण पर है; एआईआईबी की इस वार्षिक बैठक के लिए विषय था, बुनियादी ढांचे के लिए वित्तपोषण में वृद्धि: नवीनता और सहयोग।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘नया भारत’ सभी के लिए आर्थिक अवसर, ज्ञान अर्थव्यवस्था, समग्र सामाजिक विकास, और भविष्यवादी, मज़बूत और डिजिटल बुनियादी ढांचे की मदद से आगे बढ़ रहा है।

ए आई आई बी के कुल ऋण में से अब तक लगभग 28 प्रतिशत हिस्सेदारी के बाद भारत नौ और परियोजनाओं में एआईआईबी के निवेश का प्रयास कर रहा है; 100 अरब अमेरिकी डॉलर की प्रतिबद्ध पूंजी वाला यह बैंक भारत को अब तक 4.4 अरब अमेरिकी डॉलर का ऋण दे चुका है।

अब तक एआईआईबी ने भारत में ग्रामीण बुनियादी ढांचे, ऊर्जा और बिजली, पर्यावरण संरक्षण, परिवहन और दूरसंचार, जल आपूर्ति एवं स्वच्छता और शहरी विकास एवं लजिस्टिक्स में अपना निवेश केंद्रित किया है।

बीजिंग स्थित बहुपक्षीय विकास बैंक एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी), जिसका ध्यान मुख्यतः एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के निर्माण पर केंद्रित हैं, ने अपनी तीसरी वार्षिक बैठक 25-26 जून को मुंबई में आयोजित की । बैठक भारत सरकार द्वारा महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से आयोजित की गई थी। वार्षिक बैठक में वैश्विक बैंक के 86 सदस्य देशों ने भाग लिया, जिन्होंने विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में आवश्यक बुनियादी ढांचे के लिए वित्तपोषण को बढ़ाने की रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया। दरअसल, एआईआईबी की इस वार्षिक बैठक के लिए विषय था, बुनियादी ढांचे के लिए वित्तपोषण में वृद्धि: नवीनता और सहयोग। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘नया भारत’ सभी के लिए आर्थिक अवसर, ज्ञान अर्थव्यवस्था, समग्र सामाजिक विकास, और भविष्यवादी, मज़बूत और डिजिटल बुनियादी ढांचे की मदद से आगे बढ़ रहा है।

भारत-एआईआईबी के मजबूत संबंध

पिछले तीन वर्षों में, भारत ने अंतर्राष्ट्रीय विकासशील बैंकों जैसे न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी), अफ्रीकन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) और अब एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के लिए कई वार्षिक बैठकों की मेजबानी की है। हाल ही में हुई बैठक भारत के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण थी क्योंकि 4.4 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक कुल परियोजना पोर्टफोलियो के साथ भारत एआईआईबी का सबसे बड़ा ऋण लाभार्थी है। निवेश परियोजनाओं में गुजरात के 1,060 गांवों में ग्रामीण सड़कों के विकास के लिए 32.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर का ऋण शामिल है। वार्षिक बैठक के दौरान एआईआईबी के अध्यक्ष जिन लीकुन ने कहा, स्वास्थ्य सुविधाओं और शैक्षणिक संस्थानों तक पहुंचने और बाजार अर्थव्यवस्था में भाग लेने के लिए सड़कों की कनेक्टिविटी आवश्यक है। इन सड़कों से 80 लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा, जिसका छठवां भाग गरीबी रेखा से नीचे के लोगों का है। इस बीच, भारत सरकार ने भी आवश्यक बुनियादी ढांचे और सेवाओं में निवेश को
बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं।

बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और एआईआईबी दोनों आर्थिक विकास को अधिक समावेशी और दीर्घकालिक बनाने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा: एशिया, अभी भी शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्तीय सेवाएँ, और औपचारिक रोजगार के अवसर उपलब्ध करने में व्यापक असमानताओं का सामना कर रहा है। एआईआईबी जैसे संस्थानों के माध्यम से संसाधन बढ़ाने में क्षेत्रीय बहुपक्षीयता की अहम भूमिका हो सकती है। कई क्षेत्रों, जैसे ऊर्जा एवं बिजली, दूरसंचार, परिवहन, ग्रामीण एवं कृषि विकास, जल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण एवं शहरी विकास में संसाधन बढ़ाने के लिए लंबी अवधि के पूंजी निवेश की आवश्यकता होती है। इस निवेश को जुटाने के लिए, भारत में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल, इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधि, इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्ट जैसे मॉडल लागू किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 100 अरब अमेरिकी डॉलर पूंजी वाले एआईआईबी से सन् 2025 तक निवेश 4 अरब से बढ़ाकर 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक करने का आह्वान किया।

एआईआईबी के हालिया निवेश

इस अवसर पर, एआईआईबी बोर्ड ने भारत के नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ) फंड ऑफ फंड्स में 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर के इक्विटी निवेश को मंजूरी दी। एआईआईबी के मुख्य निवेश अधिकारी, डीजे पांडियन ने इस समझौते पर टिप्पणी में कहा कि: एनआईआईएफ में हमारा निवेश बुनियादी ढांचे में निवेश को बढ़ावा देने और विकास के लिए निजी पूंजी जुटाने के लिए भारत सरकार के प्रयासों का समर्थन करने के लिए एआईआईबी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।" इसके अलावा, एआईआईबी के डायरेक्टर जनरल ऑफ इन्वेस्टमेंट ऑपरेशन्स दांग-आईके ली ने कहा: "एनआईआईएफ अलग-अलग श्रेणियों के छोटे फंड्स को सहयता प्रदान करेगा जिससे पूंजी आकर्षित करने में कई गुना की वृद्धि होगी। एनआईआईएफ में एआईआईबी के निवेश के साथ, हम भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश के लिए – भारत के अंदर और बाहर- बहुपक्षीय संस्थानों, स्वायत्त धन निधि, पेंशन फंड और बीमा कंपनियों जैसे लंबी अवधि के निवेशकों की प्रतिबद्धताओं को एकत्रित करने में मदद करेंगे।

एनआईआईएफ फंड ऑफ फंड्स ने हाल ही में अपने पहले निवेश, ग्रीन ग्रोथ इक्विटी फंड की घोषणा की थी, जो अक्षय ऊर्जा, स्वच्छ परिवहन, जल एवं वेस्ट मॅनेज्मेंट में निवेश करेगी। वित्त पोषण के अलावा, एआईआईबी पोर्टफोलियो निवेश में पर्यावरण और सामाजिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने और इसके नियंत्रण के लिए एनआईआईएफ की पर्यावरणीय और सामाजिक रिस्क मॅनेज्मेंट क्षमताएं बढ़ाने के लिए विशेषज्ञता प्रदान करेगा। भारत सरकार द्वारा संचालित, एनआईआईएफ, उन अंतरराष्ट्रीय और घरेलू निवेशकों के लिए एक सहयोगी मंच है, जो भारत में व्यावसायिक रूप से सक्षम इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में दिलचस्पी रखते हैं। एनआईआईएफ का फंड ऑफ फंड्स उन फंड प्रबंधकों की मदद करेगा या उनके साथ निवेश करेगा, जिनका भारत में बुनियादी ढांचे और संबंधित क्षेत्रों में अच्छा तजुर्बा हैं। जिन क्षेत्रों पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाएगा, उनमे ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, मध्य आय वर्ग एवं किफायती आवास, आधारभूत संरचना सेवाएं और संबद्ध क्षेत्र
शामिल हैं।

अन्य 9 परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण

एआईआईबी की वार्षिक बैठक के दौरान भारत के रेल, कोयला, वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री, पीयूष गोयल ने कहा कि एआईआईबी के कुल ऋण में से अब तक लगभग 28 प्रतिशत हिस्सेदारी के बाद, भारत नौ और परियोजनाओं में एआईआईबी के निवेश का प्रयास कर रहा है । एक क्षेत्रीय बहुपक्षीय विकास बैंक की तरह संरचित एआईआईबी, 2015 में स्थापित किया गया था और जनवरी 2016 में इसका व्यावसायिक संचालन शुरू किया गया। भारत इसके संस्थापक भागीदारों में से एक है और 8 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी के साथ बैंक का दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है। बीजिंग में मुख्यालय वाले इस बैंक का लक्ष्य एशिया और उसके आस-पास आर्थिक और सामाजिक परिणामों में सुधार करना है, और काफी हद इसका ध्यान गरीब और विकासशील देशों पर केंद्रित है। दीर्घकालिक बुनियादी ढांचे और अन्य उत्पादक क्षेत्रों में निवेश करके एआईआईबी लोगों, सेवाओं और बाजारों को जोड़ते हुए करोड़ों लोगों के जीवन में सुधार और बेहतर भविष्य का निर्माण करने में
मदद करने की उम्मीद करता है।

दिलचस्प बात यह है कि एआईआईबी शायद पहला बड़ा बहुपक्षीय विकास बैंक है जहां मुख्य योगदानकर्ता स्वयं ही उधार लेने वाले सदस्य हैं। यह अन्य बहुपक्षीय विकास बैंकों (जैसे विश्व बैंक) के अलग है, जो कि गरीब देशों को ऋण देने के लिए उन्नत देशों द्वारा स्थापित किए गए थे। एआईआईबी शिखर सम्मेलन इस सहमति के साथ संपन्न हुआ कि दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार किया जाना चाहिए, जिससे नागरिक समृद्धि और सुरक्षा की पूरी क्षमता तक पहुँच सकें । बैठक में कई समवर्ती सत्र भी थे, जिनमें कई अन्य मुद्दों के साथ ही पर्यावरण, कम कार्बन उत्सर्जन, रेलवे नेटवर्क के माध्यम से कनेक्टिविटी से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर कई राज्य सरकारों ने बुनियादी ढांचागत कनेक्टिविटी, स्मार्ट शहरों, स्वच्छता और लॉजिस्टिक हब जैसे क्षेत्रों में अपनी योजनाएं और परियोजनाएं प्रस्तुत कीं।

Recent Articles

India defies global steel slump with 33% output growth since 2019

June 3, 2025

India is emerging as a global outlier in the steel …

Read More

Hiring slows in early FY26 as India Inc shifts focus to efficiency and specialised skills

June 2, 2025

India’s employment market is expected to see a 2.8% increase …

Read More

India, US eye deeper tech and trade ties under new ‘COMPACT’ framework

May 30, 2025

Foreign Secretary Vikram Misri, on a three-day visit to Washington, …

Read More